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गुरदुआरा साहिब यां धर्मशाला गुरमत का प्रचार केन्द्र हैं । गुरदुआरा साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश होता है, श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी जो कि दस गुरु साहिबान जी और भक्तों द्वारा रचित बाणी का संग्रह है । श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी सिखों के ११ (श्ब्द) गुरु हैं । जिसमें आत्मा और निरंकार का ज्ञान पदार्थ संगत को दिया जाता है । जिसको प्राप्त करके आत्मिक संतुष्टि मिलती है और सही राह पर चलने की प्रेणा मिलती है । गुरदुआरा साहिब एकता का प्रतीक हैं यहां पर किसी भी जाति, सभय्ता, रंग यां ध्रम के लोग आ कर ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं । गुरदुआरा साहिब में और भी सुविधायें होती हैं जैसे के, सराये (रहने के लिए), स्रोवर (इशनान करने के लिए ), लंगर ( पंगत में बैठ कर भोजन खाने के लिए ) । दुनिया में लाखों ही गुरदुआरा साहिब हैं । पर सबका इतिहास के साथ संबंध नहीं है । इतिहासक गुरदुआरा वेब्साईट सिर्फ़ उन गुरदुआरा साहिब को आपके सामने लेकर आए हैं जिनका कि इतिहास के साथ संबंध है । चाहे वे भारत में हों या पकिस्तान में ।
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ਜਿਥੇ ਜਾਇ ਬਹੇ ਮੇਰਾ ਸਤਿਗੁਰੂ, ਸੋ ਥਾਨ ਸੁਹਾਵਾ ਰਾਮ ਰਾਜੇ |
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हमारा मुख्या उदेश उन त्माम इतिहासक गुरदुआरा साहिब जिन का संबंध सिख ध्रम और इतिहास के साथ है उन्को उजागर करके संग्त के सनमुख पेश करना है । गुरदुआरा साहिब कहां सथित है, कोन्से गुरु साहिब यां भ्ग्त के साथ संबंधित है, आदि जान्कारी आपको इस वेब्साईट पे तसविरों सहित मिलेगी, जो के संगत घर बेठै ही इन इतिहासक स्थानों का आनंद ले सके ओर जो जान्कारी इन के साथ संबंधित है वो आपको घर बेठै ही मिल जाए । इस वेब्साईट के द्वारा हम आपको गुरु साहिबान क संदेश ओर इतिहास बताने की छोटी सी कोशिश कर रहे है तां कि आम लोग अप नी सभिय्ता को समझ सकें ओर आने वाली पिढ़ी को समझा सकें । इस वेब्साईट में हमने गुरदुआरा साहिब के साथ साथ इतिहासक संप्रदाअओं को भी तस्वीरॊं सहित शामिल किआ है । |
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धयान देने योग्य:- गुरदुआरा साहिब शुरु से ही सिखी का प्र्चार केन्द्र रहे हैं । इतिहासक स्थान हमें त्माम गुरु साहिबान भगतॊं के सिखी के लिए किए यतनों की याद करवाते हैं यां कह सकते हैं कि क्रियातम्क रुप की याद करवाते हैं ओर उन्की तरहां जीवन व्य्तीत करने की प्रेरत करते हैं । यह सिखी की ध्रोहर हैं जिन की संभाल करना सिखों का फ़्रज है । इस वेब्साईट की कोशिश ऎसे गुरुधामों को आप के सामने ले के आना है जो यां तो अर्थिक क्मी के कार्ण यां लाप्र्वाही के कार्ण खंड्र होने की क्गार पर खड़े हैं ।
नोट:- हम किसी तरह की कोई भेंट या आर्थिक सहायता की मांग नहीं कर रहे हैं। संगत के आगे यही बिनती है कि निम्न लिखित गुरदुआरा साहिब की तसवीरों को देखें, यां खुद इन इतिहासक अस्थानों के दर्शन करके खुद फैसला लें, कि आप इन इतिहासक अस्थानों के लिए क्या कर सकते हैं । इन इतिहासक स्थानों पर पहुचने में हम आपकी मदद के लिए हमेशा मौजूद हैं । हमारा उद्देश्य इन स्थानों की जानकारी संगत तक पहुचाने की है ।
अगर आप जी ने कोई भी आर्थिक मदद करनी हैं तो क पा करके गुरुद्वारा प्रंब्धक कमेटी से स्मंर्पक करें । इन अस्थानों का पता व फोन नंबर मौजूद हैं ।
गुरदुआरा श्री गिआन गोदड़ी साहिब, हरिदवार १८ मार्च, २००९ को
गुरदुआरा श्री दमदमा साहिब, मंडी १६ अगस्त, २००८ को
गुरदुआरा श्री जन्म असथान माता सुंदर कोर जी, बजवाड़ा १९ जुलाई, २००८ को
गुरदुआरा श्री भविखतसर साहिब, सुमलाह २६ नवंबर, २००६ को
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