गुरदुआरा श्री सावरदा साहिब गांव सावरदा, तह दूदू, जिला जयपुर, राजस्थान में स्थित है। सबसे पहले यहां श्री गुरु नानक देव जी के पुत्र बाबा श्री चंद जी ने पांच साल तक पूजा की। और फिर वह यहां से आगरा की ओर चले गये। जब दिल्ली में श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी को शहीद किया गया, तो भाई लखी शाह बंजारा जी ने अपने घर को आग लगाकर गुरु साहिब की देह का अंतिम संस्कार कर दिया। उन्होंने दिल्ली छोड़ दिया और संगत के साथ यहां आए, कराह प्रसाद तैयार किया और अरदास किया। श्री गुरु नानक देव जी प्रकट हुए और भाई लखी शाह जी से पूछा। उन्होंने गुरु साहिब से कहा कि अब दिल्ली में नहीं रहना चाहता। वह यहीं रहना चाहता है। गुरु साहिब ने उन्हें यहीं बसने के लिए कहा। और बाबा श्री चंद जी के स्थान पर सेवा करने को कहा । भाई लखी शाह जी इस स्थान की सेवा करते रहे और बाद में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी दक्षिण की तरफ जाते हुये यहां आए और बाबा कांडस जी से मिले। गुरु साहिब भी बाबा श्रीचंद जी वाले स्थान पर विराजमान हुये विराजमान थे। गुरु साहिब ने यहां मोर पंख से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की रचना की। यहां से गुरु साहिब नरैना (गुरदुआरा श्री चरण कमल साहिब, नारायणा) की ओर गए।
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गुरदुआरा साहिब,गुगल अर्थ के नकशे पर
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अधिक जानकारी
:- गुरदुआरा श्री सावरदा साहिब, सावरदा
किसके साथ संबंधित है
:- श्री गुरु नानक देव जी
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी
पता:-
गांव :- सावरदा
तहिसील :- दूदू
जिला :- जयपुर
राजस्थान
फ़ोन नंबर:-
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