गुरदुआरा श्री सुखा सिंह महिताब सिंह साहिब राजस्थान के शहिर हनुमानगढ़, में स्थित है। लाहौर जिले के जकारिया खान बहादुर ने सिखों को निशाना बनाना शुरू कर दिया था, जिससे खालसा को पंजाब से या तो पहाड़ियों या रेगिस्तान में भागने के लिए मजबूर होना पड़ा। मस्सा रंगर को सिख तीर्थयात्रियों को अमृतसर आने से रोकने का काम सौंपा गया था। मस्सा रंगर ने श्री दरबार साहिब पर कब्जा कर लिया, वहां मांस, शराब पीना और वेश्याओं को नृत्य करवाना शुरू कर दिया । दूसरी ओर, बुडा दल मिस्ल के मुखिया बाबा बुडा सिंह जी इस स्थान पर गांव ढाब वाला में ठहरे हुए थे। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि यह स्थान मरुस्थल के मध्य में पानी का भंडार और लगभग 2000 एकड़ की झील थी। अमृतसर से भाई बकाला जी यहां पहुंचे और बाबा बुडा सिंह जी को श्री दरबार साहिब के बारे में सारी खबर सुनाई। बाबा बुडा सिंह ने अपने सिखों को अमृतसर जाकर बदला लेने की चुनौती दी। इस चुनौती को स्वीकार करते हुए भाई सुखा सिंह जी और भाई मेहताब सिंह जी जब वे अमृतसर पहुंचे तो मुसलमानों के वेश में आकर स्वर्ण मंदिर पहुंचे और कहा कि वह वहां राजस्व देने आया है। मस्सा रंगर श्री दरबार साहिब में शराब पी रहा था और वेश्या को नाचते हुए देख रहा था। उन्होंने मस्सा रंगर का सिर काट दिया, भाले पर सिर लटकाकर वे श्री दरबार साहिब से भाग गए। सिर उठाकर वे राजस्थान के लिए निकल पड़े, रास्ते में वे रात को यहां हनुमानगढ़ रुके। उन्हों ने रात वण के पेड़ के नीचे रात गुजारी । वह पेड़ आज भी यहां मोजूद है । यहीं उन्होंने मस्सा रंगर के सिर से खुदो खुंडी (हॉकी) खेली। अगली सुबह वे डाबला गांव पहुंचे और एक जंड के पेड़ पर उसका सिर लटका दिया।
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गुरदुआरा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर
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अधिक जानकारी :-
गुरदुआरा श्री सुखा सिंह महिताब सिंह साहिब, हनुमानगढ़
किसके साथ संबंधित है:-
भाई सुखा सिंह
भाई महिताब सिंह
पता :-
हनुमानगढ़ शहिर
जिला :- हनुमानगढ़
राज्य :- राजस्थान
फ़ोन नंबर
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