गुरुदवारा श्री मंजी साहिब पातशाही नोवीं और दस्वीं गांव मुलोवाल जिला संगरूर में स्थित है। श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी और श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपनी यात्रा से इस स्थान को धन्य बनाया। श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी मालवा दौरे पर यहां आए और यहां विश्राम किया। यहां पीने का पानी नमकीन था, गुरु साहिब यह मीठा कीया। वह यहां चार दिन तक रहे। गुरु साहिब ने यह भी आशीर्वाद दिया कि जो कोई भी अमावमस पर स्नान करेगा वह धन्य हो जाएगा। श्री गुरु गोबिंद सिंह जी माछीवरा से ऊच दा पीर के रूप में अलमगीर आए। आलमगीर में भाई निगाही सिंह जी ने गुरू साहिब को एक घोड़ा दिया। वहां से गुरू साहीब उस घोड़े पर सवार होकर रायकोट आए। वहां गुरू साहिब को पता चला कि भाई निगाही सिंह के बेटे और बहन को मुगलों ने गुरू साहिब को घोड़ा देने के लिए मार दिया था। भाई निगाही सिंह बचकर मुलोवाल पहुंचे। भाई निगाही सिंह गुरु साहिब से मिलने के लिए यहां आए और उन्हें आशीर्वाद दिया कि आपके कारण आपका पितृ परिवार भी धन्य है। गुरु साहिब ने अपने हाथों से एक मंजी बनाई और इस जगह को आशीर्वाद दिया कि वह यहाँ पोह के महीने में प्रस्तुत रहा करेंगे।
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गुरुद्वारा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर |
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अधिक जानकारी
:- गुरुदवारा श्री मंजी साहिब पातशाही नोवीं और दस्वीं, मुलोवाल
किसके साथ संबंधित है
:-
श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी
पता :-
गांव :- मुलोवाल
जिला :- संगरूर
राज्य :- पंजाब
फ़ोन नंबर:- |
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