गुरदुआरा श्री नानकिआणा साहिब संगरूर के बाहर नाभा सड़्क पर सथित है | इस अस्थान को श्री गुरु नानक देव जी, श्री गुरु हरगोबिन्द साहिब जी और श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी ने आकर भाग लगाये |
श्री गुरु नानक देव जी यहाँ गांव भलवान होते हुये आये और यहां से आगे गांव अकोई की तरफ़ चले गये । गुरू साहिब यहां १५ दिन रूके और काल से मुलाकात की | काल ने पहिले गुरू साहिब को बहुत डराने की कोशिश की । जब भाई मर्दाना जी को डर लगने लगा तो गुरू साहिब ने उन्हें वाहिगुरू का जाप करने के लिये कहा । जब गुरू साहिब की रुहानी ताकत के आगे काल का कोई जोर ना चला तो वह मानव रूप लेकर गुरू साहिब के साम ने आया और अपने कीये पर माफ़ी मांगी । गुरू साहिब ने उसे अच्छे क्रम करम करने की प्रेण्णा दी |
करीर साहिब :- श्री गुरु हरगोबिन्द साहिब जी जब १६ १६ ई में यहां संगत के साथ आये तो उन्होंने यहाँ करीर के पेड़ के साथ अपना घोड़ा बांधा | किसी शर्धालू ने अनजाने में वो पेड़ काट कर उस पर कमरा बना दिया | कुछ समय बाद वह पेड़ कमरे कि छत को फाड़कर ऊपर निकल आया |
गुरज :- श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने भाई राम और भाई त्रिलोक भाइयों को एक गुरज दीया जो आज यहां सुशोभित है।
तस्वीरें ली गईं:- १ मई, २०१० |
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गुरदुआरा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर |
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अधिक जानकारी
:- गुरदुआरा श्री नानकिआणा साहिब, संगरूर
किसके साथ संबंधित है
:- श्री गुरु नानक देव जी
श्री गुरु हरगोबिन्द साहिब जी
श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी
पता:-
पटिआला बाईपास जिला :- संगरूर राज्य :- पंजाब
फ़ोन नंबर:- ००९१ १६७२ २५०५४८ |
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