गुरुदवारा श्री मंजी साहिब दुमालगड़ रोपड़ जिले के आनंदपुर साहिब शहर में स्थित है। यह गुरुद्वारा साहिब, गुरुदवारा श्री केसगढ़ साहिब के उत्तरी तरफ है। यहां, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी अपने बेटों को प्रशिक्षित करते थे और खेल मैदान के रूप में भी इस्तेमाल करते थे। कुश्ती का खेल और अन्य प्रतियोगिताएं भी यहाँ आयोजित की गईं। गुरू साहिब यहाँ एक पेड़ के नीचे बैठा करते था । जब बिलासपुर के शासक अजमेर चंद ने आनंदपुर साहिब पर हमला किया। युद्ध के मैदान में, भाई मान सिंह निशांनची के अधीन सिखों ने पहाड़ी सेना को करारी टकर दी। लड़ाई के दौरान भाई मान सिंह घायल हो गए और खालसा का झंडा टूट गया। एक सिख सैनिक ने गुरू साहिब को घटना की सूचना दी। इस पर गुरू साहिब ने अपने केस्की (पगड़ी के नीचे का कपड़ा) से एक फरा (कपड़े का छोटा टुकड़ा) फाड़ा और उसे एक लटकते हुए झंडे से अपनी पगड़ी में लगा लिया। गुरू साहिब ने घोषणा की कि भविष्य में खालसा झंडा कभी नहीं गिरेगा और न ही उतारा जाएगा। यह हर सिख की पगड़ी का हिस्सा होगा। साहिबजादा फ़तिह सिंह जी, जो उस समय सिर्फ पांच साल के थे, ने भी अपनी पगड़ी में फरा लटका दिया इस घटना के बाद से फरा की परंपरा हर सिख नेताओं की पगड़ी का हिस्सा बन गई। निहंगों के इलावा अब, यह परंपरा व्यवहार में नहीं है जो इसे धार्मिक उत्साह में ल गाते हैं । इस गुरुद्वारा साहिब को डमलागढ़ के नाम से भी जाना जाता है, ।.
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गुरुद्वारा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर |
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अधिक जानकारी
:- गुरुदवारा श्री मंजी साहिब दुमालगड़, आनंदपुर साहिब
किसके साथ संबंधित है
:- श्री गुरु गोबिंद सिंह जी
पता
:- श्री आनंदपुर साहिब जिला :- रोपड़
राज्य :- पंजाब
फ़ोन नंबर
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