गुरुदवारा श्री बिबानगड़ साहिब रोपड़ जिले के कीरतपुर शहिर में स्थित है। जब श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी B> का इस्लाम न कबूल करने पर चंदानी चौक में सिर कलम कर दिया गया था। जब श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी को शहीद किया गया, तो किसी ने गुरू साहब के सिर और उसके शरीर को लेने की हिम्मत नहीं की। लेकिन आकाल पुरख की इच्छा के साथ, शहर के माध्यम से तूफान आया। अंधेरे कंबल की आड़ में भाई जैता जी गुरू साहिब के सीस के साथ पंजाब की ओर भागने में सफल रहे। गुरू साहिब का शव घटनास्थल पर पड़ा था। गुरू साहिब भक्त लखी शाह ने गुरू साहिब के शव को उठाके आपने घर ले गये । खुलेआम दाह संस्कार करने से खतरा होने के कार्ण उन्हॊने अपने घर को ही आग लगा के गुरू साहिब का अंतिम संस्कार कर दिया । सीस लेकर भाई जैता जी श्री आनंदपुर साहिब की ओर चल दिये और यहां पहुंचकर गुरू साहिब के पवित्र शीश को रखा। । श्री गुरु गोबिंद सिंह जी श्री आनंदपुर साहिब से यहां आए और सम्मानपूर्वक श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी के शीश को पवित्र यात्रा के साथ उन्हें श्री आनंदपुर साहिब ले गए और उस स्थान पर अंतिम संस्कार किया, जहां अब गुरुदवारा श्री शीशगंज साहिब स्थित है।
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गुरुद्वारा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर |
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अधिक जानकारी
:- गुरुदवारा श्री बिबानगड़ साहिब, कीरतपुर साहिब
किसके साथ संबंधित है
:- श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी
भाई जैता जी
पता
:- कीरतपुर साहिब जिला :- रोपड़ राज्य :- पंजाब
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