गुरुदवारा श्री अटक साहिब जिसे गुरुदवारा श्री भिआनक रात दी चीस साहिब के नाम से भी जाना जाता है, जिला रोपड़ तहि मोरिंडा रोपड़ मार्ग पर गांव सहेड़ी में स्थित है। 1705 में जब माता गुजरी जी साहिब्जादा ज़ोरावर सिंह जी और साहिब्जादा फ़तिह सिंह जी ने सरसा नदी में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी से अलग हो गए तो गंगू रसोइया के साथ यहां सहेड़ी गांव में गंगू के निवास में रात के लिए रुके थे। रात में गंगू ने सोने के सिक्के से भरी थैली चुरा ली थी। जब सुबह माता जी ने गंगू से पुछा तो गंगू ने चोरी के बारे में चिल्लाना शुरू कर दिया लेकिन माता जी ने उससे कहा कि हम कुछ नहीं मांग रहे हैं लेकिन वो चिलाये ना। गंगू को गुस्सा आ गया कि उसने उन्हें शरण दी है और वह चोर साबित हो रहा है। बाद में गंगू ने उन्हें घर से निकाल दीया और मोरिंडा के कोतवाल को माता गुजरी जी, गुजरी जी साहिब्जादा ज़ोरावर सिंह जी और साहिब्जादा फ़तिह सिंह जी के बारे में सूचना दे दी। उन्हें मुगल सिपाहियों ने सहेड़ी गांव में मुख्य सड़क पर स्थित गुरुद्वारा गुरुदवारा श्री रथ साहिब में गिरफ्तार किया और मोरिंडा कोतवाली ले गये।
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गुरुद्वारा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर |
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अधिक जानकारी
:- गुरुदवारा श्री अटक साहिब, सहेड़ी
अलग नाम से भी जाना जाता है गुरुदवारा श्री भिआनक रात दी चीस साहिब
किसके साथ संबंधित है
:- माता गुजरी जीसाहिब्जादा ज़ोरावर सिंह जीसाहिब्जादा फ़तिह सिंह जी
पता
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गांव :- सहेड़ी
तहि :- मोरिंडा
जिला :- रोपड़
राज्य :- पंजाब
फ़ोन नंबर
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