गुरुदवारा श्री पंजतीर्थ साहिब गाँव लारोया तेह बंगा, जिला नवनशहर में स्थित है। श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी मुगलों के साथ करतारपुर की लड़ाई के बाद यहां आए। गुरू साहिब कीरतपुर साहिब की ओर जा रहे थे। गुरू साहिब शाम को यहां पहुंचे और विश्राम करने का फैसला किया। यहां पर गहरा जंगल और जल भंडार था। जब बच्चों ने गुरू साहिब को देखा तो उन्होंने अपने माता-पिता को घर वापस आकर बताया कि कोई पवित्र व्यक्ति वहाँ आया है। गाँव से संगत आई और गुरू साहिब के सामने झुक के न्मसकार किया। यहाँ पास में पंज पीर के नाम से जाना एक स्थान था। गुरू साहिब ने संगत से उस स्थान के बारे में पूछा। लोगों ने गुरू साहिब को बताया कि यह पंज पीर था लेकिन वह जगह मुगलों का थान था और वे हमें वहां पूजा करने की अनुमति नहीं देते थे। गुरू साहिब ने पांच ईंटें रखीं और कहा कि अब से यह जगह पांच तीरथ है। और जो भी यहाँ आएगा उसकी इच्छाएँ पूरी होंगी। महाराजा रणजीत सिंह जी ने यहां गुरुद्वारा साहिब बनवाया।
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गुरुद्वारा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर |
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अधिक जानकारी
:- गुरुदवारा श्री पंजतीर्थ साहिब, लारोया
किसके साथ संबंधित है
:- श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी
पता
:- गांव :- लारोया जिला :- नवां शहिर
राज्य :- पंजाब
फ़ोन नंबर
:-
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