गुरदुआरा श्री बाउली साहिब गाँव ढकोली, जीरकपुर, जिला मोहाली में स्थित है | श्री गुरु गोबिंद सिंह जी भंगानी की जंग जीतने के बाद पांवटा साहिब से श्री आनंदपुर साहिब जाते हुए यहाँ रुके थे | गुरु साहिब रायपुर रानी से होते हुए यहाँ आये थे | यह गाँव, श्री गुरु हरगोबिन्द साहिब जी के बड़े बेटे भाई गुर्दित्ता जी ने बसाया था इस लिए यहाँ सिख सांगत ज्यादा थी | गुरु साहिब के आने की खबर सुनकर चौधरी ईशर दास गाँव की संगत के साथ गुरु साहिब का आशीर्वाद लेने आया | गुरु साहिब ईशर दास को इलाके के बारे में पूछा, तो चौधरी ईशर दास ने दोनों हाथ जोड कर गुरु साहिब के आगे बेनती की कि इस गाँव में पानी कि बहुत कमी है तथा गाँव वासिओं को पानी लेने के लिए सुखना नदी तक जाना पड़ता है | उस समय गुरु साहिब के हाथ में बरछा था, गुरु साहिब ने सुनते ही पानी ढूँढना शुरू कर दिया और एक जगह पर जाकर बरछा मारा तो वहां से मीठे पानी का झरना फूट पड़ा | पानी का झरना देखते ही सारी संगत ने गुरु साहिब के चरणों में नमस्कार किया | गुरु साहिब ने चौधरी ईशर दास को धन देकर इस जगह को पक्का करवाने के लिए कहा, और संगत को गुरु साहिब ने बताया कि यह जगह बाउली साहिब के नाम से जानी जायगी |
गुरु साहिब के सिख भाई कृपा राम और उसकी पतनी ने गुरु साहिब के आगे माथा टेका और आशीर्वाद माँगा | गुरु साहिब ने सब कुछ जानते हुए भी उनसे आने का कारन पूछा तो भाई कृपा राम ने कहा के वह सिर्फ गुरु साहिब के दर्शन करने ही आये हैं, पर उनकी पत्नी ने बड़ी निम्रता से कहा कि उसे अठ्राह का रोग है जिस कारन वह माँ नहीं बन सकती या उनका बच्चा आठ दिन या आठ महीने में मर जाता है | उन्होंने गुरु साहिब से बच्चे की दात मांगी | गुरु साहिब ने उन्हें दसवीं वाले दिन इसी जगह इशनान करने के लिए कहा और आशीर्वाद दिया के इसके साथ उनको बिमारी से छुटकारा मिलेगा तथ साथ ही पुत्र का वर भी दिया |
अगले दिन इकाद्शी के दीवान के बाद गुरु साहिब ने आसा की वार का पाठ किया और अरदास के बाद प्रशाद संगत को दिया और अपने अगले पडाव जो के गुरुदवारा श्री नाधा साहिब के लिए चल पड़े |
तस्वीरें ली गईं;- ९ नवंबर, २००६ |
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गुरुद्वारा साहिब,गुगल अर्थ के नकशे पर |
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अधिक जानकारी:-
गुरदुआरा श्री बाउली साहिब, जीरकपुर
किसके साथ संबंधित है:-
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी
पता:-
गाँव ढकोली, जीरकपुर
जिला :- साहिबजादा अजीत सिंह नगर
राज्य :- पंजाब
फ़ोन नंबर;-००९१ १७६२ २७१०५७
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