गुरदुआरा श्री पातशाही दसवीं साहिब गांव अजीतगढ़ वांडर में स्थित है। श्री गुरु गोबिंद सिंह जी भागता से दोद होते हुये यहां आए थे। गुरू साहिब यहाँ गाँव वांदर में रुके, सिंह ने वहाँ घोड़े को बाँध दिया और एक जंड किला गाड़ा। गुरू साहिब ने अपने घोड़े को इससे बांध दिया। जब गाँव के लोगों को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने आकर बड़ी श्रद्धा के साथ गुरू साहिब की सेवा की। वे घोड़ों के लिए हरी घास भी लाए। गुरू साहिब ने उनसे उनकी कुशलक्षेम पूछी। उन्होंने गुरू साहिब को बताया कि वे राजस्थान के जैमल फत्ता के परिवार से हैं। राजस्थान के मुस्लिम शासकों के साथ लड़ाई के बाद वे यहां बसने के लिए आए थे। गुरू साहिब ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि जो कभी लड़ने के लिए यहाँ आएगा वह पराजित हो जाएगा। और गुरू साहिब ने खुद इस गाँव का नाम अजीतगढ़ रखा। जंड किला जिसके साथ गुरू साहिब बंधा हुआ घोड़ा है, पूरा पेड़ बन गया है। यह आज भी वहां मौजूद है।
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गुरदुआरा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर |
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अधिक जानकारी
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गुरदुआरा श्री पातशाही दसवीं साहिब, अजीतगड़ वांदर
किसके साथ संबंधित है
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श्री गुरु गोबिंद सिंह जी
पता
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गांव :- अजीतगड़ वांदर
जिला :- मोगा
राज्य :- पंजाब
फ़ोन नंबर :- |
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