गुरदुआरा श्री जानी शाह जी, श्री हरगोबिंदपुर
सैयद जानी शाह जी, एक मुसलमान ने अपने परिवार को ईश्वर की तलाश में छोड़ दिया था। वह दिन-रात भटकते रहते थे, उन्होंने हिंदू-मुसलमानों के अवतारों की पूजा की, पांच नमाज़ पढ़ी और उपवास रखा लेकिन कुछ नहीं मिला। किसी ने उन्हें श्री गुरु नानक देव जी के बारे में बताया। उनकी महिमा के बारे में सुनकर, वह बहुत खुश हुये। श्री गुरु नानक देव जी की गद्दी पर श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी बैठे थे । और उन दिनों गुरु साहिब का डेरा यहां श्री हरगोबिंदपुर में था। तो जानी शाह जी यहां आए और ख्वाजा रोशन जी (श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी के घोड़े परिचारक) से मिले। जानी शाह जी ने ख्वाजा जी को अपना हाल बताया। सुनकर ख्वाजा जी ने श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी का गुणगान किया और कहा कि तुम यहीं रहकर ध्यान करो।
यह सुनकर जानी शाह जी भी यहीं बैठ गईं और दिन-रात धूप की छांव में भूख-प्यास सहते रहे। कुछ समय बाद, गुरु साहिब ने अपने सिखों को जानी शाह जी के पास धन, वस्त्र या जो कुछ भी वे चाहते थे, देने के लिए भेजा। लेकिन जानी शाह जी ने इन सभी चीजों को त्याग दिया और कहा "जानी को जानी मिला दो" गुरु साहिब ने उनकी परीक्षा लेने के लिए एक दीवार बनवा दी। लेकिन जानी शाह जी अपनी भक्ति में बैठे रहे। जब सिक्खों ने फिर निवेदन किया तो गुरु साहिब ने कहा कि यदि जानी को जानी से मिलना है तो वह ब्यास नदी में कूद जाए। सिखों ने गुरु साहिब के संदेश को जानी शाह जी तक पहुँचाया। ये शब्द सुनकर जानी शाह जी ब्यास नदी की ओर दौड़ पड़े।
गुरु साहिब ने जानी शाह जी को वापस लाने के लिए भाई बिधी चंद जी को भेजा। जानी शाह जी ने आकर गुरु साहिब के चरणों में प्रणाम किया। गुरु साहिब ने सैयद जानी शाह जी को गले लगाया और उन्हें जानी (भगवान) से मिल्वाया और आशीर्वाद भी दिया कि जो कोई भी भक्ति के साथ आपके दरबार में आएगा, उसकी मनोकामना पूरी होगी।
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गुरदुआरा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर |
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अधिक जानकारी:-
गुरदुआरा श्री जानी शाह जी, श्री हरगोबिंदपुर
किसके साथ संबंधित है:-
श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी
सैयद जानी शाह जी
पता :-
श्री हरगोबिंदपुर
ज़िला :- गुरदासपुर
राज्य :- पंजाब
फ़ोन नंबर :-
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