गुरदुआरा श्री बाबा बंदा सिंह जी बहादर साहिब, गांव गुर्दास नंगल, जिला गुरदासपुर में सथित है । बाबा बंदा सिंह जी बहादुर का जन्म ੨੭ अकतूबर ੧੬੭੦ को राजोरी(कशमीर) में राजपूत घराने में हुआ । इनका बचपन का नाम लछ्मण देव था, बाद में माधो दास बैरागी के नाम से पहचाने जाने लगे । श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने इनको अम्रित छ्का कर बंदा सिंह बहादुर बनाया । यह अस्थान बाबा बंदा सिंह जी बहादुर और उनके ४ साल के ब्च्चे(अजैब सिंह) और ४० साथी जरनैलौं की शहीदी के साथ संबंधित है । श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के थापे हुए संत सिपाही, खालसा पंथ के महान यौधा व जरनैल, बाबा बंदा सिंह जी बहादुर ने हजूर साहिब (नाँदेड) से पंजाब आकर मुग्लों के जुल्मों का नाश किया और पंथ की चडाई के लिए पंजाब में जीत हासिल की, छह साल के राज के बाद बाद बाबा जी और उनकी सेना गुरदास-नंगल गढ़ी में मुगल सेना से घिर गई। बाबा जी और सैनिकों को लगभग 8 महीने तक घेरे रखा गया, सभी खाने और अन्य आवश्यक सुविधाएं समाप्त हो गईं। यहां से बाबा बंदा सिंह जी बहादुर और उनके सभी लोगों को गिर्फ़्तार करके पहिले लाहोर लेकर गये और फ़िर दिल्ली लेकर गये । दिल्ली के महिरोली में उन्हें तसीहे देकर ੯ जून ੧੭੧੬ शहीद कर दिया गया । बाबा बंदा सिंह जी बहादुर के पुत्र् को मार कर उसका दिल निकाल कर बाबा जी के मुँह में जबरद्स्ती डाला गया । बाबा जी की आँखे चाकू के साथ निकाली गई और उन्हें गेट पर लटका कर शरीर का मास नोचा गया।
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गुरदुआरा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर |
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अधिक जानकारी
:- गुरदुआरा श्री बाबा बंदा सिंह जी बहादर साहिब, गुर्दास नंगल
किसके साथ संबंधित है
:- बाबा बंदा सिंह जी बहादुर
पता :-
गांव :- गुर्दास नंगल
जिला :- गुरदासपुर
राज्य :- पंजाब
फ़ोन नंबर :-
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