ItihaasakGurudwaras.com A Journey To Historical Gurudwara Sahibs

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गुरुद्वारा श्री गुरुसर साहिब गांव मेहराज जिला बठिंडा के बाहर स्थित है। जब भाई बिधी चंद जी लाहौर के किले से दूसरा घोड़ा लाये, तब श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी राय जोध के साथ गांव कांगड़ में थे। लाहौर के किले को छोड़ने के समय भाई बिधी चंद ने मुगल अधिकारियों को सूचित किया था कि यह घोड़ा श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी का है और उनका नाम बिधि चंद है। इससे पहले भी वह गुरू साहिब का घोड़ा ले गये थे । और इस घोड़े को भी गुरू साहिब के पास ले जा रहे हैं। जब भाई बिधि चंद जी गुरू साहिब के पास पहुँचे, तो उन्होंने पूरी कहानी बताई। इसलिए यह निश्चित था कि मुग़ल सेना पीछे होगी और बड़ी लड़ाई होगी। युद्ध के लिए सही जगह की तलाश में गुरू साहिब गांव बाजक पहुंचे और बाबा पीर से मिले। गुरू साहिब ने उनके साथ स्थिति पर चर्चा की। बाबा पीर ने गांव नथाना के पास जगह का सुझाव दिया। चूंकि इसके पास पानी का भंडार था और घने जंगल भी। वहां से चलकर गुरू साहिब गांव महिराज पंहुचे । गांव महिराज में पर एक बड़ी लड़ाई लड़ी गई। गुरू साहिब ने लड़ाई जीत ली। यहाँ गुरु साहिब के शिष्य भाई कालू नाथ जी रहते थे। उन्होंने युद्ध के दौरान भोजन और दूध के साथ गुरू साहिब और सेना की सेवा की। लड़ाई के बाद गुरू साहिब ने भाई कालू नाथ जी को उनकी मदद के लिए धन्यवाद देने यहां आये और इस जगह को आशीर्वाद भी दिया।

 
गुरुद्वारा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर
 
 
  अधिक जानकारी :-
गुरुद्वारा श्री गुरूसर साहिब, नथाणा

किसके साथ संबंधित है :-
  • श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी

  • पता :-
    गांव :- नथाणा
    जिला :- बठिंडा
    राज्य :- पंजाब
    फ़ोन नंबर :-
     

     
     
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