गुरुद्वारा श्री छोटा गुरुसर साहिब गांव मेहराज जिला बठिंडा के बाहर स्थित है। यह गुरुद्वारा श्री गुरुसर साहिब के पास स्थित है जहाँ जंग हुई थी। जब भाई बिधी चंद जी लाहौर के किले से दूसरा घोड़ा लाये, तब श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी राय जोध के साथ गांव कांगड़ में थे। लाहौर के किले को छोड़ने के समय भाई बिधी चंद ने मुगल अधिकारियों को सूचित किया था कि यह घोड़ा श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी का है और उनका नाम बिधि चंद है। इससे पहले भी वह गुरू साहिब का घोड़ा ले गये थे । और इस घोड़े को भी गुरू साहिब के पास ले जा रहे हैं। जब भाई बिधि चंद जी गुरू साहिब के पास पहुँचे, तो उन्होंने पूरी कहानी बताई। इसलिए यह निश्चित था कि मुग़ल सेना पीछे होगी और बड़ी लड़ाई होगी। गुरू साहिब स्थानीय लोगों की मदद से इस गांव के आस पास के इलाके का चयन किया क्योंकि यहां जल संसाधन था। गुरू साहिब ने वहां डेरा डाला जहां गुरुद्वारा श्री साहिब पातशाही छेंवी, महिराज स्थित है। गुरू साहिब के बाद 35000 की मुग़ल सेना भी यहाँ पहुँची। गुरू साहिब के पास 4000 सिखों की सेना थी। गुरुद्वारा श्री गुरूसर साहिब पातशाही छेंवी पर एक बड़ी लड़ाई लड़ी गई। लड़ाई में भाई जेठा की मृत्यु हो गई। गुरू साहिब ने लड़ाई जीत ली। गुरू साहिब ने इस स्थान पर सभी मृत सैनिकों को संस्कार किया और मुगल सेना के सिपाहीयों को जंग वाले मौदान के पास ही कबर खोद के दबा दीया।
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गुरुद्वारा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर |
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अधिक जानकारी
:- गुरुद्वारा श्री छोटा गुरुसर साहिब, महिराज
किसके साथ संबंधित है
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श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी
पता
:- गांव :- महिराज जिला :- बठिंडा
राज्य :- पंजाब
फ़ोन नंबर
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