गुरदुआरा श्री दुलामसर साहिब, बरनाला जिले के मौड़ां गांव में स्थित है। श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी ढिलवां में रहते हुए यहां आकर स्थानीय लोगों को उपदेश दिया करते थे। यहां दुलमी ਕੀ ढाब पर गुरु साहिब आया करते थे। गुरु साहिब के यहाँ आने से बहुत पहले से ही दुलमी के टीले वीरान और ढेर हो चुके थे। उन दिनों मौड़ मना दुलमी ढाब के दक्षिण में था। ढिलवां के मौड़ का दल्लो नाम के मान गोट (उपनाम) के एक जाट द्वारा चलाया गया था। इस स्थान पर करीर के झुंड में एक खाई और एक कुआं हुआ करता था जो आज भी मौजूद है। इस स्थान से संबंधित दल्लो नाम के एक जाट की कहानी है जो मौड़ां का रहने वाला था। वह इस स्थान पर गायों को रखता था। जिस समय गुरु साहिब ढिलवां में रह रहे थे, वह गुरु साहिब की सेवा में गायों का दूध लेकर जाते थे, प्रसन्न होकर गुरु साहिब ने दल्लो को पगड़ी दी। जब वह पगड़ी लेकर घर आया तो उसकी पत्नी ने गांव के मरासी को पगड़ी दे दी। दूसरे दिन जब वह दूध लेकर आया तो उसके पास गुरू साहिब की दी हुई पगड़ी नहीं थी। गुरु साहिब ने दल्लो से पूछा तुम्हारी पगड़ी कहाँ है तो दल्लो ने सच कहा । गुरु साहिब ने कहा, "भाई, हमने आपको श्री गुरु नानक देव जी सिद्धांत सतनाम वाहेगुरु गुरुमंत्र दिया है, ताकि आप दल के नेता बन सकें, लेकिन आप अपनी पत्नी के दास ही रहे । " हम आपको दल का मुखिया बनाना चाहते थे।
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गुरदुआरा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर |
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अधिक जानकारी
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गुरदुआरा श्री दुलामसर साहिब, मौड़ां
किसके साथ संबंधित है:-
श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी
पता:-
गांव :- मौड़ां
जिला ;- बरनाला
राज्य :- पंजाब
फ़ोन नंबर
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