गुरुद्वारा श्री सन्ह साहिब ज़िला अम्रितसर के गांव बास्रके गिलां में सथित है । श्री गुरू अंगद देव जी के जोती जोत समाने के बाद श्री गुरू अमर दास जी को गुरगदी सोंपी गई । श्री गुरू अंगददेव जी के बेटे दातू जी ने गुरगदी ना मिलने के गुसे में श्री गुरू अमर दास जी को गोइंदवाल से चले जाने को कहा । इस बात पर श्री गुरू अमर दास जी अपने गांव बास्रकेगिलां आ गये । यहां गुरू साहिब ने अपने आप कॊ एक झॊंपड़ी में बंद कर लिआ और दरवाजे पर लिख दिआ के जो कोई भी इस दरवाजे को खोलेगा वो मेरा सिख नहीं होगा और ना ही मैं उसका गुरू । जब सारी संगत बाबा बुढा जी के नेत्रत्व में यहां पंहुची तो यह पड़ कर बड़े प्रेशान हुए । आखिर बाबा बुढा जी ने झॊंपड़ी के पिछे दीवार में बड़ा छेद किआ और गुरू साहिब की आगिआ की उलंघ्ना ना करते हुए अंदर प्र्वेश करके गुरू साहिब को बेन्ती की के वो ही उनके पुज्य गुरू साहिब हैं और वो वापिस गोंइदवाल साहिब चलें । उन की बात मान कर गुरू साहिब उन के साथ गोंइदवाल साहिब वापिस आ गये । वह छेद आज भी यहां मोजूद है ।
सन्ह बीच नर जो लख जावे॥
सो नर जम के पंथ ना पावे॥
जो इनसान इस सन्ह में से एक मन होकर गुजरेगा उसकी चुरासी कट जाएगी
तस्वीरें ली गईं :-२४ दिसंबर, २००६ |
|
|
गुरुदवारा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर |
|
|
|
|
अधिक जानकारी:- गुरुद्वारा श्री सन्ह साहिब, बास्रके गिलां
किसके साथ संबंधित है:-
श्री गुरू अमर दास जी
पता:- गांव बास्रकेगिलां ज़िला :- अम्रितसर राज्य :- पंजाब
फ़ोन नंबर:- |
|
|
|
|
|
|