गुरूदवारा श्री गुरु नानक देव जी साहिब ज़िला अम्रितसर के गांव वेरोके में सथित है । श्री गुरु नानक देव जी शाह बख्तियार के घर गये, लेकिन उनकी पत्नी ने बताया कि मियां जी भीलोवाल गए हैं। गुरू साहिब ने वहां से चलने लगे और कहा "बीबी वसे दमदम मियां भीलोवाल, सुंजे महल ड्राणे, बरकत मर्दां नाल" गुरू साहिब ने कहा कि अगर वह मियां जी से मिलते तो भविष्य में यहाँ शहर का विकास हुआ होता। यह कहते हुए गुरू साहिब भीलोवाल के लिए रवाना हो गए। शाह बख्तियार जी भीलोवाल से अपने घर की ओर चल दीये और गुरू साहीब से यहां वेरोके में सूखे पेड़ के तने पर मिले। शाह बख्तियार गुरू साहिब की झलक पाकर बहुत खुश थे। उन्होंने गुरू साहिब से कहा कि आओ किसी छायादार पेड़ के नीचे बैठो। गुरू साहिब ने भाई मर्दाना जी से सूखे पेड़ के तने पर पानी डालने के लिए कहा, और जब भाई मर्दाना जी ने इस सूखे पेड़ के तने पर पानी डाला तो तना दोनों ओर से हरा भरा हो गया। इस बात को देखकर शाह बख्तियार बहुत खुश हुए और गुरू साहिब के पैरों में गिर गए।
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गुरुदवारा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर |
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अधिक जानकारी:- गुरूदवारा श्री गुरु नानक देव जी साहिब, वेरोके
किसके साथ संबंधित है:- श्री गुरु नानक देव जी
पता:- गांव :- वेरोके जिला :- अम्रितसर राज्य :- पंजाब
फ़ोन नंबर:- |
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