गुरदुआरा श्री गुरू का बाग साहिब अमृतसर के गांव घुकेवाली में स्थित है। यह अमृतसर-अजनाला रोड पर स्थित है। यह पवित्र स्थान श्री गुरू अरजन देव जी और श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी की याद में है। जब मंडी के राजा हरि सेन श्री गुरू अरजन देव जी के द्र्शन करने अमृतसर आया, तो गुरू साहिब ने इन शब्दों को " लेख ना मिटे ही सखी जो लिखे करतार " सुनकर राजा को लगा कि अगर लेख मिट ही नहीं सकते तो फ़िर गुरू की संगत करने का कया फ़ायादा। गुरू साहिब ने राजा हरि सेन को सपने में अगले 40 वर्षों का भविष्य दिखा कर उसका उधार किया और उसे जन्म-मरण से मुक्त कर दिया।
श्री गुरू अरजन देव जी के बाद, श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी यहां आए। यहां गुरू साहिब अपने सिख भाई मस्तू जी और भाइ लाल चंद जी के घर 9 महीने, 9 दिन और 9 घंटे के लिये रुके । वहां गुरदुआरा श्री बाउली साहिब सथित है । श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी उस दौरान यहां ध्यान करते थे। पहिले इस सथान को गुरू की रोड़ कहिते थे गुरु साहिब ने यहां पेड़ लगवाये और इसका नाम गुरू का बाग रखा। गुरू साहिब ने इस स्थान को " जेह्ड़ा आखू गुरू का बाग उन्हु लगनगे भाग " के रूप में भी आशीर्वाद दिया
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गुरुद्वारा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर
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अधिक जानकारी
:- गुरदुआरा श्री गुरू का बाग साहिब, घुकेवाली
किसके साथ संबंधित है
:- श्री गुरू अरजन देव जी
श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी
पता
:- गांव :- सेनसरा जिला :- अमृतसर
राज्य :- पंजाब
फ़ोन नंबर
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