गुरदुआरा श्री गुरिआणा साहिब अमृतसर के गांव वल्ला में स्थित है। जब श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी श्री हरिमंदर साहिब, अमृतसर के दौरे पर आए थे, मसंदो ने उनके लिये दरवाजे बंद कर दिए। श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी कुछ समय के लिए हरिमंदिर साहिब के बाहर (श्री अकाल तखत साहिब के पीछे स्थित गुरदुआरा श्री थड़ा साहिब वाले सथान पर) बैठे और यह कहते हुए विदा हो गए, "अमृतसर के मसंदो महत्वाकांक्षा की आग से जल रहे हैं," वहां से गुरू सहिब गुरदुआरा श्री दमदमा साहिब, अमृतसर वाले स्थान पर आ गए ओर रात रुके । वहां से गुरू साहिब यहां पर रुके । यह स्थान गांव वल्ला की माई हरो जी के खेत थे । वह अपने खेतों में काम करने वालों के लिये खाना बना कर लाई । जब माता जी ने गुरू साहिब को देखा तो पुच्छा के ये कोन हैं । गुरू साहिब के साथ भाई मखन शाह जी ने बताया के नोंवे गुरू श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी हैं । माता जी अपने घर से सिर्फ़ आठ रोटी बना कर लाईं थी । उन्होंने गुरू साहिब को रोटी खाने के लिये कहा । लेकिन गुरू साहिब ने कहा के पहले आप जिनके लिये लाईं हैं उन्को दो । जब माता जी ने रोती वाला कपड़ा हटाया तो हैरान हो गई के उसमें १२ रोटी थी । यह देख माई जी बहुत हैरान हो गई । फ़िर माई जी ने गुरू साहिब को अपने घर चलने के लिये अनुरोध किया । उनका अनुरोध सविकार क र्ते हुये माता जी उनके साथ गांव वल्ला चले गये । माई हारो की अगुवाई में गाँव के लोग गुरू साहिब के द्र्शन के लिए आये । गुरू साहिब माई हारो जी के कचे घर में 17 दिनों तक रहे। और उसे छोड़ने के समय "माईयां रब्ब रजाईयां" का आशीर्वाद दिया।
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गुरुद्वारा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर
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अधिक जानकारी
:- गुरदुआरा श्री गुरिआणा साहिब, अमृतसर
किसके साथ संबंधित है
:- श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी
पता :-
गांव :- वल्ला
जिला :- अमृतसर
राज्य :- पंजाब
फ़ोन नंबर
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