गुरदुआरा श्री भाई शालॊ जी साहिब ज़िला अमृतसर के गांव पंडोरी वरैच में स्थित है। भाई शालो जी का जन्म 29 सितंबर 1554 को गांव धौला कांगड़ा गाँव, मालवा क्षेत्र में हुआ था। उनके पिता भाई दयला जी और माता माता सुखदेई जी थीं। उनके माता-पिता हजरत सखी सरवर के अनुयायी थे और श्री गुरु रामदास साहिब जी से मिलने के बाद गुरसिख हो गए। भाई साहब के माता-पिता मजीठा गए और भाई साहब गुरू साहिब के साथ रहे और निस्वार्थ सेवा और ध्यान (सिमरन) शुरू किया।
अमृतसर शहिर की स्थापना : - शहिर की स्थापना के लिए, भाई शालॊ जी ने 52 जातियों के व्यापारियों और श्रमिकों को यहां लाकर बसाया। श्री गुरु अर्जन देव जी को यह जानकर प्रसन्नता हुई और उन्होंने भाई साहब को पूरे शहिर का प्रभार दिया।
सरोवर का नवीनीकरण: : - सरोवर के नवीनीकरण और मजबूती के लिए, भट्ठा के लिए आवश्यक ईंधन समाप्त हो गया था। भाई साहब यहां गाँव में आये और उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति ईंधन दान करेगा जैसे गोबर के उपले, जलाऊ लकड़ी, कृषि-अवशेष आदि उसे एक बेटे की प्रापती होगी। कई लोगों ने दान दिया । य़हां से भाई साहब ने ईंधन से भरी गाड़ियाँ लेकर श्री हरिमंदर साहिब पहुंचे। जब गुरू साहिब को यह बात पता चली, तो वह भाई साहब से बहुत खुश हुये और उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति गुरदुआरा भाई शालॊ के टोबा में स्नान करेगा, वह दिल और आत्मा के साथ त्रिपत होगा, और जो बच्चे कमजोर यहां स्नान करेंगे, वे स्वस्थ हो जाएंगे।
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गुरदुआरा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर |
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अधिक जानकारी
:- गुरदुआरा श्री भाई शालॊ जी साहिब, पंडोरी वरैच
किसके साथ संबंधित है
:- भाई शालॊ जी
पता
:- गांव :- पंडोरी वरैच
जिला :- अमृतसर
राज्य :- पंजाब
फ़ोन नंबर
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