गुरदुआरा श्री हीराघाट साहिब,
जब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी दक्षिण आए, तो वह सबसे पहले यहीं रुके। गुरू साहिब के साथ बादशाह बहादुर शाह भी थे। बादशाह बहादुर शाह ने एक कीमती हीरा गुरू साहिब को भेंट किया। गुरू साहिब ने उस हीरे को गोदावरी नदी में फेंक दिया, जो उनके शिविर के पीछे बह रही थी बादशाह यह देखकर हैरान रह गए कि उन्होंने गुरू साहिब को एक ऐसा कीमती हीरा पेश किया है और उन्होंने इसकी कीमत जाने बिना इसे गोदावरी में फेंक दिया है। गुरु साहिब ने बहादुर शाह की भावनाओं को जानते हुए कहा, उन्होंने गोदावरी में हीरे को रखा है, आप वहां से अपना वाला चयन कर सकते हैं। बादशाह जब गोदावरी गए, तो उन्होंने पाया कि नदी का तहि हीरों से भरा हुआ था, जो उन्होंने गुरू साहिब को क्या भेंट दी थी। उन्होंने वापस आकर गुरू साहिब को प्रणाम किया और अपनी गलती कबूल की
|
|
|
गुरदुआरा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर
|
|
|
|
|
अधिक जानकारी
:- गुरदुआरा श्री हीराघाट साहिब, नांदेड़
किसके साथ संबंधित है
:- श्री गुरु गोबिंद सिंह जी
पता
:- गाँव :- बहमनवाड़ा जिला :- नांदेड़ राज्य :- महाराष्ट्र
फ़ोन नंबर:- |
|
|
|
|
|
|