गुरदुआरा श्री मंजी साहिब, चंडीगढ़ शहिर के मनीमाजरा इलाके में सथित है । श्री गुरू हर राय जी के पुत्र श्री राम राय जी की पत्नी श्री माता राज कोर जी देहरादुन से राम राय जी के साथ नाराज होकर यहां आकर रहने लगे। राम राय जी ने ओरंगजेब को खुश करने के लिए बाणी की एक तुक को बदल दिया था । "मिट्टी मुसलमान की " की जगह "मिट्टी बेईमान की " कर दिया था । माता राज कोर जी श्री गुरू नानक देव जी ओर गुरु घर के बड़े श्रधालू थे । माता जी बाणी की बेअदबी सहन ना कर पाए ओर राम राय जी का साथ छोड़ कर यहां आकर रहने लगे । यहां रहते हुए माता जी ने बहुत तप किया की ओर सभ लोग माता जी के श्रधालू हो गए । एक बार बारिशों के दिनों मे माता जी के मकान का श्तीर टुटने लगा तो माता जी ने अपने सेवक शाहुकार भारा मल जी को श्तीर के निचे स्तंभॊ देने को कहा । भारा मल ने इस बात पर कोई ध्यान ना दिया । फ़िर माता जी ने अपने सेवक गरीब जट के पास भेजा । उस जट ने उसी रात को बेरी का स्तंभ काटकर श्तीर के निचे दे दिया । माता जी ने खुश हो कर कहा मांग ले जो भी तेरी इच्छा है । गरीब जट ने कहा के मेरी कुल मजदुर ना बने बल्कि राजा बने । माता जी ने वर दिया के तुम राजा बनोगे ओर भारा मल तुम्हारा मजदूर बनेगा । माता जी आशिरवाद से एसा ही हुया । यह अस्थान माता जी का रिहाशी घर था । माता जी ने यहां अपने प्राण तिआगे ओर उनका अंगीठा गुरदुआरा श्री डेहरा साहिब में मोजुद है । जो भी माता जी की समाधी के द्रशन करने आता है उन की मनोकामना पुरी होती है ।
जब श्री गुरू गोबिंद सिंह जी भंगाणी की जंग के बाद कोपाल मोचन, रायपुर रानी, नाडा साहिब होते हुए यहां आए । उन्हॊं ने माता जी के साथ बातचीत की ओर कहा के जब भी आप मुझे याद करोगे मैं आप की सेवा में जरुर हाजिर हो जाउंगा । यहां से गुरु साहिब रोपड़ होते हुए अनंदपुर साहिब चले गए
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गुरुद्वारा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर |
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अधिक जानकारी
:- गुरदुआरा श्री मंजी साहिब, मनीमाजरा
किसके साथ संबंधित है
:- श्री गुरू गोबिंद सिंह जीमाता राज कोर जी
पता:- मनीमाजरा चंडीगड़ केंद्र शाश्त प्रदेश
फ़ोन नंबर:- |
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