गुरदुआरा श्री गाय घाट साहिब बिहार के पटना नगर में स्थित है। यह आलमगंज क्षेत्र में महात्मा गांधी सेतु (पुल) के पास अशोक राजपथ पर स्थित है। श्री गुरु नानक देव जी ने इस स्थान (गाँव भीष्मबरपुर) का दौरा किया और भाई जैतमल जी से चर्चा की। जो बाद में गुरु साहिब के शिष्य बन गए। भाई साहिब ने गुरू साहिब से उन्हें जीवन से मुक्त करने के लिए कहा। लेकिन गुरू साहिब ने भाई जैतमल जी को और जीने के लिए आशीर्वाद दिया और कहा के वह बाद में आएंगे और उन्हें जीवन से मुक्त करेंगे, गुरु साहिब ने कहा कि भौतिक दुनिया का आनंद लेने के लिए आपके पास अभी समय है। गंगा जी में स्नान करने से दर्द से राहत मिलेगी और साथ ही गुरू साहिब गंगा जी को अपने द्वार पर रोजाना आने और उन्हें स्नान करवाने के लिए कहा। लेकिन भाई जैतमाल जी ने कहा कि अगर गंगा यहां आएंगी तो यह ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन जाएगी और उनकी वजह से ग्रामीणों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। तब गुरु साहिब ने आशीर्वाद दिया कि गंगा जी यहां गौ (गाय) के रूप में आएंगी और उन्हें नहला देगी। भाई जैतमल जी अपने दरवाजे बंद रखते थे और पूजा पर ध्यान केंद्रित करते थे। पड़ोसी बच्चों हमेशा उन्हें परेशान करते थे। जब श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी अपने परिवार के साथ यहां पहुंचे, तो स्थानीय संगत ने भाई जैतमल जी से गुरू साहिब के आने पर दरवाजा खोलने के लिए कहा। भाई जैतमाल जी ने कहा कि अगर गुरू साहिब आए हैं तो उन्हें अनुमति मांगने की जरूरत नहीं है क्योंकि वह सीधे अंदर आ सकते हैं। यह सुनकर घोड़े पर सवार गुरु साहिब अपने परिवार के साथ एक छोटी सी खिड़की से कमरे में प्रवेश किया। श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी ने उन्हें श्री गुरु नानक देव जी के रूप में दर्शन दिए। भाई जैतमल ने गुरू साहिब की झलक पाने के बाद स्वर्ग प्र्सथान किया । गुरू साहिब ने उनका दाह संस्कार अपने हाथों से किया और उनके घर के स्थान पर एक धर्मशाला का निर्माण करवाया। जब निर्माण कार्य चल रहा था, तब लकड़ी के दो स्तंभ लाए गए । लेकिन जब उन्होंने उन्हें मापा तो वे छोटे थे। गुरु साहिब ने उन्हें फिर से मापने के लिए कहा लेकिन वे फिर से कम हो गए। गुरु साहिब ने मजदूरों को उन्हें छोड़ने के लिए कहा। लेकिन अगली सुबह जब गुरू साहिब ने मजदूरों को फिर से मापने के लिए कहा, तो वे पूरी लंबाई के थे। लेकिन गुरू साहिब ने मजदूरों से इन स्तंभ का उपयोग ना करने के लिए कहा। और संभाल कर रखने का आदेश दिया । ये स्तंभ आज भी गुरदुआरा साहिब में संरक्षित हैं ।
गुरदुआरा साहिब में गुरू साहिब के छोह प्राप्त वसतुऎं
एक किला साहिब जिसके साथ श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी ने अपना घोड़ा बाँधा, अब एक बड़ा पेड़ है।
एक स्थान जहाँ गंगा भाई जयमल जी को गाय के रूप में स्नान कराती थी ।
एक खिड़की जिसमें से गुरू साहिब ने अपने परिवार के साथ भाई जैतमल जी के कमरे में प्रवेश किया।
लकड़ी के दो स्तंभ
चक्की साहिब
गुरदुआरा साहिब द्वार का चौखट (लकड़ी का चौखट)।
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गुरदुआरा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर |
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अधिक जानकारी
:- गुरदुआरा श्री गाय घाट साहिब, पटना
किसके साथ संबंधित है
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श्री गुरु नानक देव जी
श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी
भाई जैतमल जी
पता
:-
आलमगंज, पटना
पटना नगर
जि़ला :- पटना
राज्य :- बिहार
फ़ोन नंबर :-
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