गुरदुआरा श्री छटी पातशाही साहिब जिला पुलवामा के गांव शादीमर्ग (शाह जी मर्ग) के पास स्थित है। श्री गुरू हरगोबिंद साहिब जी अपने कश्मीर दौरे पर यहां आए। गुरू साहिब चिनार के पेड़ के नीचे बैठ गये। संगत गुरू साहिब के दर्शन और आशीर्वाद के लिए आने लगी। संगत गुरू साहिब को पेश करने के लिए उनके साथ शहिद का एक कटोरा लायी। पास में एक संत भाई काटू शाह बैठे थे, उन्होंने कुछ शहिद के लिए कहा, लेकिन संगत ने मना कर दिया क्योंकि यह गुरू साहिब के लिए था। जब संगत ने गुरू साहिब को शहिद की पेश किया तो वह चींटियों से भरा था । गुरू साहिब ने संगत से पूछा कि किसी ने भी ने वहाँ पर शहद के लिए कहा था। संगत ने गुरू साहिब के सामने झुककर उन्हें पूरी कहानी सुनाई। गुरू साहिब ने उनसे कहा कि वे वापस जायें और भाई काटू शाह को शहद अर्पित करें तो वह (गुरू साहिब ) स्वीकार करेंगे।
गुरू साहिब के वहां होते हुये बादशाह जहाँगीर भी वहां आ गिआ था। वह गुरू साहिब से मिले और दोनों को एक दूसरे के साथ अच्छी समझ बन गई थी। दोनों शिकार के लिए गए। शिकार करते हुए बादशाह को प्यास लग रही थी। गुरू साहिब ने एक जगह (गुरदुआरा साहिब के पास) को अपने ब्रछा से मारा और पानी निकलने लगा और बादशाह ने अपनी प्यास बुझाई।
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गुरदुआरा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर
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अधिक जानकारी
:- गुरदुआरा श्री छटी पातशाही साहिब, शादीमर्ग
किसके साथ संबंधित है
:- श्री गुरू हरगोबिंद साहिब जी
पता
गांव :- शादीमर्ग (शाह जी मर्ग)
जिला :- पुलवामा
राज्य :- जम्मू और कश्मीर
फ़ोन नंबर
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