गुरुद्वारा श्री गुरू हरगोबिंद साहिब जी(गुरुद्वारा श्री छटी पातशाही साहिब) जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर, शहिर के रैनावारी में काठी दरवाजा के पास स्थित है। एक पुरानी अंधी महिला भाग भर्री श्री गुरू हरगोबिंद साहिब जी की एक महान शिष्या थी। उन्होंने गुरू साहिब के लिए एक खदर का चोला तैयार किया था और अंधी होने के कारण वह कहीं आ जा नहीं सकती थी तो वह गुरू साहिब की प्रतीक्षा कर रही थीं। इसलिए उनकी इच्छा को पूरा करने के लिए गुरू साहिब श्रीनगर आए और उनसे मुलाकात की। उसने गुरू साहिब चोले की पेशकश की, और अनुरोध किया कि उसे गुरू साहिब की एक झलक चाहिए। गुरू साहिब ने अपने बर्च्छा जमीन पर मारा, जमीन से पानी का झरना निकलने लगा। गुरू साहिब ने माई भाग भरी को उस पानी से अपनी आँखें धोने के लिए कहा। जब माई भागरी ने ऐसा किया तो उनकी आंखों की रोशनी वापस आ गई। गुरू साहिब को अपनी आँखों से देखकर वह गुरू साहिब के पैरों पर गिर पड़ी। और आगे माई ने अनुरोध किया कि अब गुरू साहिब के दर्शन हो गए और वह इस दुनिया में कुछ और नहीं देखना चाहती हैं। उसने गुरू साहिब से उसे इस जन्म से छुट्कारा देने का अनुरोध किया। गुरू साहिब ने उसके अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया और वह स्वर्ग के लिए रवाना हो गई। गुरुद्वारा साहिब के बाईं ओर गुरू साहिब ने खुद उनके शरीर का अंतिम संस्कार किया। वह स्थान आज भी यहां मौजूद है। यहाँ से गुरू साहिब बारामूला, उरी की ओर प्रस्थान किया।
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गुरुद्वारा साहिब, गुगल अर्थ के नकशे पर |
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अधिक जानकारी
:- गुरुद्वारा श्री गुरू हरगोबिंद साहिब जी गुरुद्वारा श्री छटी पातशाही साहिब, श्रीनगर
किसके साथ संबंधित है
:- श्री गुरू हरगोबिंद साहिब जी
पता
:- रैनावारी, काठी दरवाजा हज़रतबल सड़क जिला :- श्रीनगर राज्य :- जम्मू और कश्मीर
फ़ोन नंबर :-0091 194 2422300 |
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